ग्रीन के राजनीतिक दर्शन | ग्रीन के विचारों की आलोचना | ग्रीन के राजनीतिक दर्शन
ग्रीन के राजनीतिक दर्शन ग्रीन के राजनीतिक दर्शन ग्रीन के राजनीतिक दर्शन की प्रमुख रूप से निम्नलिखित आधारों पर आलोचना की जाती (1) रूढ़िवादी एवं अनुदार दृष्टिकोण-ग्रीन…
हीगल के आदर्शवाद के सिद्धान्त | हीगल के प्रमुख राजनीतिक विचारों एवं आदर्शवादी विचारों का विवेचन
हीगल के प्रमुख राजनीतिक विचारों एवं आदर्शवादी विचारों का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है-(1) हीगल के राज्य सम्बन्धी विचार (2) हीगल के स्वतंत्रता…
राज्य और व्यक्ति के पारस्परिक सम्बन्ध | हीगल के राज्य और व्यक्ति के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद
राज्य और व्यक्ति के पारस्परिक सम्बन्ध राज्य और व्यक्ति के पारस्परिक सम्बन्ध हीगल के राज्य और व्यक्ति के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद है। यथा- (अ) कुछ…
हीगल की द्वद्वात्मक प्रणाली
हीगल की द्वद्वात्मक प्रणाली हीगल के मतानुसार द्वनद्धवाद एक स्वतः उत्पन्न प्रक्रिया है। यह जगत के विकास का सिद्धान्त है तथा यह “आत्म-त्व’ के निरन्तर विकास की…
माक्स के ऐतिहासिक भौतिकवाद की व्याख्या
माक्स के ऐतिहासिक भौतिकवाद की व्याख्या माक्स ने इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या के अन्त्गत आर्थिक व भौतिक तत्वों को प्रमुखता दी है । माक्स के अनुसार मानव…
माक्स के इतिहास की भौतिकवादी अवधारणा की आलोचना
माक्स के इतिहास माक्स के इतिहास की भौतिकवादी अवधारणा की आलोचना निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत की गई है (1) एकांगी सिद्धान्त-यह कहना वस्तुत: अतिशयोक्ति है कि परिवर्तन…
अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त पर कार्ल माक्स के विचार | कार्ल माक्स
अतिरिक्त मूल्य के सिद्धान्त का प्रतिपादन कार्ल माव्र्स ने किया था। माक्स के अनुसार प्रत्येक वस्तु का वास्तविक मूल्य उस पर व्यय किये गये श्रम के अनुसार…
उन्नीसवी सदी की सम्पदा (अ) पूँजीवाद तथा साम्राज्यवाद का विकास यू.के., फ्रांस, जर्मनी तथा जापान (ब) उदारवाद तथा समाजवाद (स) राष्ट्रवाद
प्रश्न 1. उन्नीसवीं सदी की अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति मुख्य रूप से किन पहलुओं पर आधारित थी ? उत्तर- उन्नीसवीं सदी की अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति मुख्य रूप से तीन पहलुओं…
साम्राज्यवाद से क्या अभिप्राय है ? प्राचीन व नवीन साम्राज्यवाद में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Historical Background) – विश्व में औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् कच्चा माल प्राप्त करने और तैयार माल को खपाने के लिए बाजारों की खोज का अभियान…
पूँजीवाद से क्या आशय है ? पूँजीवाद के मुख्य लक्षणों एवं यूरोप में पूँजीवाद के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिये।
पूँजीवाद पन्द्रहवीं शताब्दी के अन्त में यूरोप में जो नयी अर्थव्यवस्था उभर रही थी उसे पूँजीवाद कहा जाता है। पूँजीवाद एक संस्था से अधिक एक लोकाचार है।…